Send the following on WhatsApp
Continue to Chatयादों की हवा ज़ख्मों की दवा बन गई। दूरी उनकी मेरी चाहत की सज़ा बन गई। कैसे भूलूं में उन्हें एक पल के लिए । उनकी याद ही मेरी जीने की वजह बन गई।
यादों की हवा ज़ख्मों की दवा बन गई। दूरी उनकी मेरी चाहत की सज़ा बन गई। कैसे भूलूं में उन्हें एक पल के लिए । उनकी याद ही मेरी जीने की वजह बन गई।