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Continue to Chatउसी तरह से हर एक ज़ख्म खुशनुमा देखे,वो आये तो मुझे अब भी हरा-भरा देखे,गुजर गए हैं बहुत दिन रफाकत-ए-शब में,एक उम्र हो गई चेहरा वो चाँद-सा देखे।
उसी तरह से हर एक ज़ख्म खुशनुमा देखे,वो आये तो मुझे अब भी हरा-भरा देखे,गुजर गए हैं बहुत दिन रफाकत-ए-शब में,एक उम्र हो गई चेहरा वो चाँद-सा देखे।